Breaking News
मुख्यमंत्री धामी ने सौंग बांध परियोजना पर विस्थापन की कार्यवाही जल्द करने के दिए निर्देश
ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन- अंडरगारमेंट्स में घूमते हुए युवती को किया गया रिहा
केदारनाथ विधानसभा के प्रत्याशियों की तकदीर ईवीएम में हुई कैद
सर्दियों में टूटने लगे हैं बाल तो इस चीज से करें मालिश, नहीं होगा नुकसान
उत्तराखण्ड बन रहा है खिलाड़ियों के लिए अवसरों से भरा प्रदेश- खेल मंत्री रेखा आर्या
क्रेश बैरियरों की खराब स्थिति को लेकर महाराज ने रोष जाहिर किया
दूरस्थ क्षेत्र पैठाणी में होगा उच्च शिक्षा को लेकर महामंथन
पाकिस्तान की हिमाकत पर कोई हैरानी नहीं
दिल्ली के लिए उत्तराखंड से 310 बसों का होगा संचालन, 194 पर लगा प्रतिबंद

आजादी के बाद से पड़ोसियों के साथ हमारे संबंध हुए मजबूत – विदेश मंत्री जयशंकर 

जब तक सेना चीन सीमा पर तैनात रहेगी, तब तक तनाव जारी रहेगा – जयशंकर 

वॉशिंगटन/नई दिल्ली। केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर इनदिनों अमेरिका दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने इस कार्यक्रम में चीन के साथ भारत के संबंधपर खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि जब चीन की बात आती है को वे मंत्रालय में अपने सहयोगियों से प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार रहने के लिए कहते हैं। जयशंकर ने एक संदेश देते हुए कहा कि दुनिया किसी को भी थाली में परोसकर कुछ नहीं देती है।

जयशंकर ने कहा, “आजादी के बाद से पड़ोसियों के साथ हमारे संबंध बहुत मजबूत हो गए हैं। इसका एकमात्र कारण यह है कि हम बहुत क्षेत्रीय हो गए हैं। हमारे पड़ोसियों की भी अपनी राजनीति है और वहां भी उतार-चढ़ाव है। एक बड़े पड़ोसी के तौर पर हम राजनीतिक बहस का हिस्सा बन जाते हैं। जब चीन की बात आती है तो मैं विदेश मंत्रालय में अपने सहयोगियों से कहता हूं कि प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार रहें। दुनिया आपको कुछ भी परोस कर नहीं देगी।” जयशंकर ने आगे कहा, “सीमा में शांति बरकरार कैसे रखे, इसे लेकर चीन के साथ हमने समझौता किया था, लेकिन चीन ने 2020 में उन समझौतों का उल्लंघन किया। सीमा पर हमने सेना को तैनात किया है, जिसे लेकर दोनों देशों के बीच तनाव है। जब तक सेना वहां तैनात रहेंगे, तब तक तनाव जारी रहेगा। अगर तनाव ऐसे ही जारी रहा तो इसका असर शेष संबंधों पर भी पड़ेगा। पिछले चार साल से हमारे संबंध अच्छे नहीं है।

विदेश मंत्री ने कहा, “जब व्यापार की बात आती है तो मुझे लगता है विश्व स्तर पर विनिर्माण में चीन की भागेदारी 31-32 फीसदी है। कई दशकों से पश्चिमी देशों ने लाभ के लिए चीन के साथ सहयोग करना शुरू किया। इसलिए आज, किसी भी देश के लिए, अगर आप किसी भी प्रकार के विनिर्माण में हैं तो चीन से सोर्सिंग अनिवार्य है। एक स्तर पर चीन के साथ व्यापार राजनीतिक और बाकी संबंधों से लगभग स्वायत्त है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top