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26 अप्रैल को उत्तराखंड दौरे पर रहेंगे केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह
मुख्य सचिव ने की हरिद्वार कुंभ की तैयारियों की समीक्षादेहरादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में कुंभ 2027 की तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक आयोजित हुई। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को कुंभ 2027 की तैयारियों के लिए सभी सम्बन्धित विभागों योजना एवं प्रस्ताव तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारी हरिद्वार को सम्बन्धित विभागों के साथ शीघ्र बैठक आयोजित किए जाने की के निर्देश दिए। एक सप्ताह में पद सृजन और नोडल अधिकारी करें नामितः मुख्य सचिव मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि अगले 7 दिनों में सभी कार्यदायी विभागों के नोडल अधिकारी नामित कर लिए जाएं। साथ ही, पदों के सृजन की कार्यवाही भी पूर्ण कर ली जाए। इनसे सम्बन्धित आदेश अगले 7 दिनों में कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि जिन समितियों/ उप समितियों का गठन किया जाना है, अगले 7 दिनों में कर लिया जाए। उन्होंने 30 अप्रैल तक प्रस्ताव एवं आंकलन तैयार कर भारत सरकार को भेजे जाने के भी निर्देश दिए। मुख्य पर्वों के लिए क्राउड मैनेजमेंट और ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान किया जाए तैयार मुख्य सचिव ने कुंभ 2027 के अंतर्गत शाही स्नान वाले विशेष दिवसों पर श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या का आंकलन करते हुए कार्य योजना तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कनेक्टिविटी बढ़ने श्रद्धालुओं के बढ़ने की अत्यधिक सम्भावना है। उन्होंने इसके अनुरूप श्रद्धालुओं संख्या का आंकलन करते हुए पार्किंग एवं ट्रैफिक मूवमेंट योजना तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए विशेषज्ञों द्वारा आंकलन कराए जाने के उपरांत योजनाएं तैयार कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने नए पार्किंग स्थल चिन्हित किए जाने के साथ ही पुराने पार्किंक स्थलों की क्षमता बढ़ाए जाने के भी निर्देश दिए। हरिद्वार क्षेत्र में ऑडिटोरियम और सांस्कृतिक केंद्र बनाए जाने के निर्देश मुख्य सचिव ने कहा कि हरिद्वार कुंभ मेला, कांवड़ यात्रा एवं अन्य धार्मिक आयोजनों के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है, इसके लिए मूलभूत ढांचों को मजबूत किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दीर्घकालीन योजना के अंतर्गत स्थाई प्रकृति के कार्यों को ध्यान में रखा जाए। उन्होंने हरिद्वार क्षेत्र में ऑडिटोरियम और सांस्कृतिक केंद्र बनाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को कुंभ क्षेत्र सहित अन्य उपयोगी स्थानों का स्थलीय निरीक्षण कर कार्य योजनाएं तैयार किए जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कुंभ 2027 के लिए अनिवार्य कार्यों की सूची तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा ऐसे कार्य जिन्हें अनिवार्य रूप से कराया जाना है, उनकी तैयारी पूर्व से ही कर ली जाए। साथ ही, तत्काल शुरू किए जाने वाले कार्यों की सूची भी तैयार कर इनकी डीपीआर एवं आंकलन सहित अन्य तैयारियां पूर्व में ही सुनिश्चित कर ली जाएं, ताकि स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू कराए जा सकें। इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव नीतेश झा, राधिका झा, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, विनय शंकर पाण्डेय, आर. राजेश कुमार, जिलाधिकारी हरिद्वार कर्मेंद्र सिंह, जिलाधिकारी पौड़ी आशीष चौहान, जिलाधिकारी टिहरी सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- 19 दिन में बह गए दस से ज्यादा पुल

पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने  दावा किया कि बिहार में एक और ‘पुल’ ढह गया है. वहीं संबंधित अधिकारी का कहना है कि यह एक अस्थायी संरचना थी जो भारी बारिश में बह गई. तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा- बिहार के पूर्वी चंपारण में  एक पुल और गिरा. सरकार थोड़े गिरी है जो खबर बनेगी? बीते 19 दिनों में यह 13वां भ्रष्टाचारी पुल गिरा है. पुलिया, सड़क और बांध टूटने एवं धंसने के तो मामले अनगिनत हैं.

वीडियो क्लिप में स्थानीय लोगों को मधुबन प्रखंड के अंतर्गत आने वाले एक गांव में हुई इस घटना के लिए दो नंबर का माल (नकली सामग्री) के इस्तेमाल को दोषी ठहराते हुए सुना जा सकता है. पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने कहा कि उन्हें घटना की जानकारी है. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह पुल नहीं था, न ही कोई पुलिया थी.

बता दें कि पिछले कुछ हफ्तों में बिहार के कई जिलों में एक दर्जन से अधिक पुलों के ढहने के कारण अधिकारियों ने कम से कम 15 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है. बिहार में ढहे पुलों में 23 जून को पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासाहन प्रखंड क्षेत्र का एक पुल, साथ ही 26 जून को मधुबनी जिले में निर्माणाधीन एक-एक पुल शामिल है. इसके अलावा 18 जून को अररिया जिले के परारिया गांव में बकरा नदी पर नवनिर्मित एक पुल भी शामिल है.

हालांकि, ऐसी दुर्घटनाओं में कोई हताहत नहीं हुआ है पर इन घटनाओं ने राजनीतिक वाद-विवाद को भी जन्म दिया है. जिसमें यादव ने नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा है, लेकिन सत्तारूढ़ राजग ने इसका दोष राजद पर मढ़ते हुए कहा- कि बिहार में राजग की सरकार बनने से पहले ग्रामीण कार्य विभाग उक्त पार्टी के पास था.

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