Breaking News
स्वास्थ्य विभाग में 276 चिकित्सकों की जल्द होगी भर्ती
अब दीपावली की 31 अक्टूबर व 1 नवंबर की मिली छुट्टी, शासन ने 24 घण्टे के अंदर पलटा अपना आदेश
उत्तराखण्ड सरकार और आईटीबीपी के बीच हुआ एमओयू
सिनेमाघरों में री-रिलीज हो रही ‘करण-अर्जुन’, 22 नवंबर को फिर दिखेगी शाहरुख-सलमान की 90 के दशक की दोस्ती
ब्रिडकुल बनेगी रोपवे विकास की नोडल एजेंसी
दीपावली पर्व एवं कपाट बंद होने के लिए केदारनाथ मंदिर को फूलों से सजाया गया 
देशभर में पटाखों पर प्रतिबंध, जानें कौन-कौन से राज्यों में लागू किए गए नियम
रोजगार मेले में विभिन्न विभागों के 255 नव चयनितों को नियुक्ति पत्र सौंपे
लोग कच्चे लहसुन को मानते हैं हर बीमारी का इलाज, क्या यह मिथक है या सच्चाई?

न्याय की देवी की मूर्ति में बदलाव, अब पट्टी हटी, हाथ में तलवार की जगह संविधान

नई दिल्ली। अक्सर आपने सुना होगा कि “कानून अंधा होता है,” लेकिन अब यह कहावत पुरानी हो चुकी है। न्याय की देवी की नई मूर्ति का अनावरण किया गया है, जिसमें कई अहम बदलाव किए गए। अब न्याय की देवी की आंखों पर कोई पट्टी नहीं है, और तलवार की जगह उनके हाथ में भारत का संविधान नजर आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के निर्देश पर अदालतों में लगने वाली इस मूर्ति में बदलाव किए गए हैं, जो एक बड़ा संदेश दे रहे हैं।

क्यों हटाई गई पट्टी?
पहले न्याय की देवी की आंखों पर बंधी पट्टी यह दर्शाती थी कि न्याय बिना पक्षपात के, सभी के लिए समान होता है। लेकिन अब इस पट्टी को हटा दिया गया है ताकि यह संदेश दिया जा सके कि कानून अंधा नहीं है और हर व्यक्ति को निष्पक्ष और स्पष्ट दृष्टि से देखा जाएगा। यह बदलाव लोगों के बीच कानून और न्याय की प्रक्रिया के प्रति विश्वास बढ़ाने की कोशिश है।

तलवार की जगह संविधान
पहले न्याय की देवी के बाएं हाथ में तलवार हुआ करती थी, जिसे अब हटा दिया गया है। इसके स्थान पर संविधान रखा गया है, जो यह संदेश देता है कि हर फैसला विधि के अनुरूप और संविधान के आधार पर होगा। यह बदलाव न्यायिक प्रक्रिया में आधुनिकता और संवैधानिक मूल्यों को प्रदर्शित करता है।

नई मूर्ति का स्वागत
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने न्यायिक प्रक्रिया में पुराने ब्रिटिश कालीन प्रतीकों को बदलने की पहल की है। यह कदम न्यायपालिका की छवि में भारतीयता और समयानुसार बदलाव लाने का प्रयास है। संविधान की मूल भावना—समानता का अधिकार—अब इस मूर्ति के जरिए प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देगा, और इस बदलाव का समाज के हर वर्ग में स्वागत हो रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top