Breaking News
 मेटा ने इंस्टाग्राम के लिए बड़ा फीचर किया जारी, अब नहीं चलेगी किशोरों की मनमानी
जाति आधारित भेदभाव के मामले में देश की स्थिति दुनिया में सबसे खराब – राहुल गांधी
लोक आस्था के महापर्व छठ का दूसरा दिन आज, जानिए खरना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व 
अल्मोड़ा बस दुर्घटना – राज्य स्थापना दिवस से संबंधित सांस्कृतिक कार्यक्रम निरस्त
आतंकवाद वर्तमान विश्व की एक बड़ी समस्या
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: निजी संपत्तियों पर सरकार नहीं कर सकती कब्जा
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को मिली तीन और फैकल्टी
अल्मोड़ा बस हादसा- माता-पिता को खोने वाली मासूम शिवानी की देखभाल की जिम्मेदारी उठाएगी धामी सरकार 
थाईलैंड ने पर्यटन को ध्यान में रखते हुए लिया बड़ा फैसला, बढाई ‘मुफ्त वीजा प्रवेश नीति’ की तारीख

लोक आस्था के महापर्व छठ का दूसरा दिन आज, जानिए खरना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व 

छठ पूजा के सबसे महत्वपूर्ण पूजा दिनों में से एक है खरना 

इस साल खरना पूजा पर बन रहा विशेष संयोग

नई दिल्ली। लोक आस्था के महापर्व छठ का आज यानी बुधवार को दूसरा दिन है। नहाय-खाय के बाद व्रती खरना का प्रसाद ग्रहण करेंगे। इस दिन शाम को गुड़ और चावल की खीर बनाकर उसका भोग लगाया जाएगा। महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अगले दिन यानी गुरुवार शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगी और शुक्रवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर संतान और परिवार के लिए मंगल कामना करेंगी। छठ पूजा के दूसरे दिन खरना पूजा का भी विशेष महत्व होता है। खरना छठ पूजा के सबसे महत्वपूर्ण पूजा दिनों में से एक है। इस दिन छठी मैया का आगमन होता है जिसके बाद भक्त 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू करते हैं। इस साल खरना पूजा पर विशेष संयोग बन रहा, जिसे ज्योतिष काफी शुभ मान रहे। आइए जानते हैं आज खरना का शुभ मुहूर्त पूजा विधि और महत्व के बारे में।

जानिए, कब से कब तक है खरना पूजा का मुहूर्त

बुधवार सुबह 04:59 बजे से 05:52 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त है। सूर्योदय सुबह 06:45 बजे पर हुआ और सूर्यास्त का समय शाम 09:26 बजे है। पंडित अनंत चौधरी की मानें तो इस साल खरना पूजा मूल नक्षत्र में बन रहा है, जिसे सनातन में काफी शुभ माना गया है। खरना पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:29 से 07:48 तक है। पूर्वाषाढ़ नक्षत्र के साथ सुकर्मा योग बन रहा है। इस नक्षत्र में खरना पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से व्रतियों को विशेष फल और आशीर्वाद मिलता है।

छठ खरना पूजा में किनकी आराधना होती है?

छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना कहा जाता है। इस बार खरना छह नवंबर यानी बुधवार को है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को खरना का प्रसाद बनाया जाता है। इस दिन माताएं दिनभर व्रत रखती हैं और पूजा के बाद खरना का प्रसाद खाकर 36 घंटे के निर्जला व्रत का आरंभ करती हैं। इस दिन मिट्टी के चूल्हे में आम की लकड़ी से आग जलाकर प्रसाद बनया जाता है।

छठ का पहला अर्घ्य और दूसरा अर्घ्य कब है?
छठ पूजा के तीसरे दिन शाम के समय नदी या तालाब में खड़े होकर अस्त होते सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। इस बार सात नवंबर यानी गुरुवार को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। इसमें बांस के सूप में फल, गन्ना, चावल के लड्डू, ठेकुआ सहित अन्य सामग्री रखकर पानी में खड़े होकर पूजा की जाती है। छठ पूजा के चौथे और आखिरी दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस बार आठ नवंबर यानी शुक्रवार को दूसरा अर्घ्य दिया जाएगा। इस दिन व्रती अपने व्रत का पारण करते हैं। साथ ही अपनी संतान की लंबी उम्र और अच्छे भविष्य की कामना करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top