Breaking News
नंदा राजजात यात्रा में यात्रा मार्ग पर दूरसंचार की व्यवस्थाओं के साथ डिजिटल ट्रेकिंग सिस्टम बनाया जाए- मुख्यमंत्री
हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में टॉप करने वाले विद्यार्थी एक दिन के लिए बनेंगे डीएम और एसपी
“केवल 33% लोगों के लिए सरकार!” अग्निमित्रा पॉल का ममता बनर्जी पर बड़ा हमला
उत्तराखण्ड को उच्च आय राज्य बनाने की दिशा में सार्थक पहल
एकल महिला स्वरोजगार योजना के लिए आवेदन 18 जून से शुरू- रेखा आर्या
देवभूमि उद्यमिता योजना से युवा बन रहे सफल उद्यमी
दून अस्पताल में मेडिकल चमत्कार, डॉ. अमर उपाध्याय और टीम ने दो माह के शिशु को नई जिंदगी दी
उत्तराखण्ड में पत्रकारों और उनके परिजनों के लिए मुख्यमंत्री धामी की बड़ी पहल
उत्तराखंड के अस्पताल बनेंगे आधुनिक चिकित्सा केंद्र

आरजी कर केस- डॉक्टरों ने सरकार को मांगें पूरी नही होने पर अनिश्चीतकालीन हड़ताल की दी चेतावनी

आरजी कर मामले में पिछले दो महीनों से चल रहा डॉक्टरों का आंदोलन 

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टरों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सोमवार तक उनकी दस सूत्रीय मांगें नहीं मानी गईं तो मंगलवार से वे फिर से अनिश्चीतकालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हो जाएंगे। जूनियर डॉक्टरों ने वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ बैठक के बाद सरकार को यह चेतावनी दी। जूनियर डॉक्टर देवाशीष हालदार ने कहा, हमने राज्य सरकार को मांगें मानने के लिए समय सीमा दी है। गौरतलब है कि जूनियर डॉक्टर दस मांगों को लेकर पिछले 14 दिनों से ‘आमरण अनशन’ पर बैठे हैं।

आरजी कर मामले में न्याय और स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव की मांग को लेकर पिछले दो महीनों से डॉक्टरों का आंदोलन चल रहा है। इस बीच, छह जूनियर डॉक्टर अनशन करते हुए बीमार पड़ चुके हैं। अभी भी अस्पताल में पांच डॉक्टर भर्ती हैं। इस स्थिति में आंदोलन का अगला कदम क्या होना चाहिए, यह तय करने के लिए शुक्रवार को जूनियर डॉक्टरों ने सीनियर डॉक्टरों के साथ बैठक की।

उनकी अन्य मांगों में राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के लिए एक केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना, एक बिस्तर रिक्ति निगरानी प्रणाली की शुरुआत, कार्यस्थलों पर सीसीटीवी, ऑन-कॉल रूम और वॉशरूम के लिए आवश्यक प्रावधान सुनिश्चित करने के लिए टास्क फोर्स का गठन शामिल है। इसके साथ ही उन्होंने अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा और महिला पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाने और डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों को तेजी से भरने की भी मांग की। डॉक्टरों की भूख हड़ताल की शुरुआत पांच अक्तूबर को हुई, जो दो चरणों में लगभग 50 दिनों के ‘काम बंद’ के बाद शुरू हुई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top