Breaking News
बद्रीनाथ हाईवे पर लामबगड़ के पास उफान में आया नाला, पांडुकेश्वर बैरियर पर रोका यातायात
अब नहीं लगा सकेंगे सांसद शपथ के दौरान नारे, स्पीकर ओम बिरला ने बदले लोकसभा के नियम
जनपदों में निजी पैथोलॉजी लैब्स की जांच करेंगे सीएमओ
कमल हासन की इंडियन 2 का ‘कैलेंडर’ सॉन्ग रिलीज, सुनते ही झूमने पर हो जाएंगे मजबूर
स्वच्छता के सिपाही पुस्तक का विधानसभा अध्यक्ष ने किया विमोचन
टीम इंडिया ने प्रधानमंत्री मोदी से की मुलाकात, अब विजय परेड में लेंगे हिस्सा 
निर्माण श्रमिकों के बच्चे भी अब बनेंगे इंजीनियर और फैशन डिजाइनर, दून में 58 व हल्द्वानी में 256 बच्चों को दी जा रही शिक्षा 
नींद लेने के नाम से दिल में दस्तक देता है खौफ, जानें सोम्नीफोबिया की बीमारी कितनी खतरनाक?
हाथरस हादसे की एफआईआर में ‘भोले बाबा’ उर्फ नारायण साकार का नाम क्यों नहीं, यहां जाने 

ब्रिटेन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने में भारत से महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली टॉप पर

नई दिल्ली। ब्रिटेन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) करने वाले भारत के शीर्ष तीन राज्य- महाराष्ट्र, उसके बाद कर्नाटक और दिल्ली हैं। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग द्वारा तैयार की गई एक नई संयुक्त रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

इस सप्ताह लंदन में पेश की गई रिपोर्ट से पता चला कि महाराष्ट्र में मुख्यालय वाली कंपनियों ने 2023 में ब्रिटेन में सबसे अधिक 20 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश किया। इसके बाद कर्नाटक (12 प्रतिशत) और दिल्ली (8.6 प्रतिशत) का स्थान है। शीर्ष 10 राज्यों में गुजरात (7.1 प्रतिशत), तमिलनाडु (6.7 प्रतिशत), तेलंगाना (6.5 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश (5.9 प्रतिशत), हरियाणा (4.5 प्रतिशत), पश्चिम बंगाल (3.14 प्रतिशत) और केरल (3.05 प्रतिशत) शामिल हैं। यह भारत से ब्रिटेन में कुल एफडीआई का 78 प्रतिशत है।

ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने लंदन में रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, भारत-ब्रिटेन गलियारे की पुनर्कल्पना करने वाले हमारे कारोबार सुरक्षित और टिकाऊ भविष्य के लिए हमारे साझा दृष्टिकोण और आकांक्षाओं को साकार करेंगे। विश्लेषण में पाया गया कि कंपनियों और कर्मचारियों की संख्या के लिहाज से भारत से एफडीआई लाने वाला अग्रणी क्षेत्र आईटी और सॉफ्टवेयर है। रिपोर्ट के अन्य निष्कर्षों में एक यह भी है कि पिछले वर्ष ब्रिटेन के छात्र वीजा में पांच प्रतिशत की वृद्धि के साथ नए भारतीय छात्रों ने कुल मिलाकर ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में अनुमानित 4.3 अरब पाउंड का योगदान दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top