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गरीबी को कम करना है तो लोगों को संपत्ति का अधिकार देना बेहद जरूरी – प्रधानमंत्री मोदी 

प्रधानमंत्री मोदी ने 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड किए वितरित 

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वामित्व कार्ड्स बांटने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लाभार्थियों से की बात 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक कार्यक्रम में देश के 230 से अधिक जिलों के करीब 50,000 गांवों में संपत्ति मालिकों को स्वामित्व योजना के तहत 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित किए। पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में शामिल हुए। इस स्वामित्व योजना से 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के लाखों लोगों को फायदा होगा। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल, मप्र, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, यूपी और जम्मू- कश्मीर एवं लद्दाख के संपत्ति मालिकों को संपत्ति कार्ड जारी किए गए।

कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि ‘आज का दिन देश के गांवों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ऐतिहासिक है। यह एक बड़ी समस्या थी, लेकिन राज्य सरकारों, अधिकारियों और ग्राम पंचायत के हजारों सहयोगियों की कोशिशों से लाखों लाभार्थियों को स्वामित्व योजना का लाभ मिला।’ पीएम मोदी ने कहा कि ’21वीं सदी में दुनिया के सामने कई चुनौतियां हैं, जिनमें जलवायु परिवर्तन, पानी की कमी, स्वास्थ्य समस्याएं और आपदाएं प्रमुख हैं, लेकिन दुनिया एक और बड़ी चुनौती से जूझ रही है और वो है संपत्ति का अधिकार। कई वर्ष पहले संयुक्त राष्ट्र ने एक अध्ययन किया था, जिसमें कई देशों में संपत्ति के अधिकारों का अध्ययन किया गया था। इस अध्ययन में पता चला कि दुनिया के कई देशों में लोगों के पास उनकी संपत्ति के कानूनी दस्तावेज ही नहीं हैं।’

पीएम मोदी ने कहा कि ‘संयुक्त राष्ट्र ने साफ कहा था कि अगर गरीबी को कम करना है तो लोगों को संपत्ति का अधिकार देना बेहद जरूरी है। भारत भी इस चुनौती से अछूता नहीं है और हमारी स्थिति भी अन्य देशों जैसी ही है। गांवों में लोगों के पास लाखों-करोड़ों रुपये की संपत्ति है, लेकिन उनके पास इसके कानूनी दस्तावेज नहीं हैं। ऐसे में मालिकाना हक को लेकर विवाद होते हैं। कई जगहों पर ताकतवर लोग गरीबों की जमीनों पर कब्जा कर लेते हैं।’ प्रधानमंत्री मोदी ने स्वामित्व कार्ड्स बांटने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लाभार्थियों से बात भी की।

स्वामित्व योजना ग्रामीण भारत की आर्थिक प्रगति को बढ़ाने की दृष्टि से 24 अप्रैल, 2020 को (राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर) प्रधानमंत्री की ओर से शुरू की गई थी। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन के रिकॉर्ड को डिजिटल तरीके से तैयार किया जाता है, जिससे भूमि विवादों को कम किया जा सके। गौरतलब है कि योजना के तहत 3.17 लाख से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, जो लक्ष्य का 92 फीसदी है। वहीं, 1.53 लाख गांवों के लिए करीब 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए गए हैं।

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