Breaking News
धामी कैबिनेट की बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर हुआ भूस्खलन, दो मजदूरों की मौत
महाराष्ट्र में तीसरी भाषा को लेकर बड़ा बदलाव, सीएम फडणवीस ने स्पष्ट की नीति
मंत्री रेखा आर्या ने नवनियुक्त कार्यकत्रियों और सहायिकाओं को दिए नियुक्ति पत्र
धनुष-रश्मिका की आगामी फिल्म ‘कुबेर’ पर सेंसर बोर्ड का एक्शन, रिलीज से पहले हटाए 19 सीन
देशभर में बदला मौसम का मिजाज, कई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी
G7 शिखर सम्मेलन 2026 की मेजबानी करेगा फ्रांस का इवियन शहर
सीएम धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से की मुलाकात
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस पर सभी जनपदों में होंगी खेल प्रतियोगिताएं- रेखा आर्या

बीमार होने वाले घोड़ा-खच्चरों को किया जाएगा क्वारंटीन, जगह की गई चिह्नित 

पशु चिकित्सकों की निगरानी में बीमार जानवरों का किया जाएगा इलाज 

यात्रा में यह पहला मौका, जब बीमार जानवरों को किया जाएगा क्वारंटीन 

देहरादून। केदारनाथ यात्रा में बीमार होने वाले घोड़ा-खच्चरों को क्वारंटीन किया जाएगा। पशुपालन विभाग ने क्वारंटीन सेंटर के लिए कोटमा और फाटा में जगह चिह्नित की है। यहां, विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों की निगरानी में बीमार जानवरों का इलाज किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर अन्य स्थानों पर किराये पर व्यवस्था भी की जाएगी। यात्रा में यह पहला मौका होगा जब बीमार जानवरों को क्वारंटीन किया जाएगा।

जिले के बीरों, बष्टी, जलई, मनसूना और गौंडार गांव में बीते माह कई घोड़ा-खच्चरों हॉर्ष फ्लू (इक्वाइन इन्फ्लूएंजा) से संक्रमित हो गए थे। गौंडार में तीन खच्चरों की मौत भी हो चुकी है। इन परिस्थितियों में केदारनाथ यात्रा के लिए घोड़ा-खच्चरों के पंजीकरण को स्थगित कर दिया था। अब संक्रमण की स्थिति सामान्य होने पर पुन: पंजीकरण शिविर हो गए हैं।

घोड़ा-खच्चरों का पंजीकरण किया जा रहा
शिविरों में पहुंच रहे जानवरों का हॉर्ष फ्लू और ग्लैंडर्स बीमारी की जांच के लिए खून का सैंपल लिया जा रहा है। निगेटिव होने पर ही घोड़ा-खच्चरों का पंजीकरण किया जा रहा है। आगामी 2 मई से शुरू हो रही केदारनाथ यात्रा के दौरान अगर घोड़ा-खच्चर बीमार होते हैं तो उन्हें तत्काल क्वारंटीन किया जाएगा जिससे अन्य जानवर संक्रमण की चपेट में न आएं।

पशुपालन विभाग देहरादून के अपर निदेशक डाॅ. भूपेंद्र जंगपांगी का कहना है कि क्वारंटीन सेंटर के लिए कालीमठ घाटी के कोटमा और केदारघाटी के फाटा में जगह चिह्नित की है। यहां, 30-30 जानवरों को रखने की व्यवस्था की है। दोनों जगह के लिए विभागीय स्तर पर सात सदस्यीय विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भी तैयार कर दी गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top