Breaking News
मेले में योगदान देने वाले कर्मी और छात्र -छात्राओं का हुआ सम्मान
जलवायु संकट अभी भी मुद्दा नहीं
यात्रा और पर्यटन बना महिला समूहों की आर्थिकी का आधार
कल से शुरू होगा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट, जाने मैच से जुडी बातें
ये काली काली आंखें सीजन 2 ने प्यार की ताकत का पढ़ाया पाठ- श्वेता त्रिपाठी
दूनवासियों के लिए खतरा बनी हवा, चिंताजनक आंकड़े निकलकर आए सामने
मुख्यमंत्री धामी ने सौंग बांध परियोजना पर विस्थापन की कार्यवाही जल्द करने के दिए निर्देश
ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन- अंडरगारमेंट्स में घूमते हुए युवती को किया गया रिहा
केदारनाथ विधानसभा के प्रत्याशियों की तकदीर ईवीएम में हुई कैद

कनाडा का आक्रामक रुख

कनाडा ने अब भारत पर 2021 में वहां हुए आम चुनाव के नतीजों को प्रभावित करने का आरोप लगा दिया है। कनाडा की जस्टिन ट्रुडो सरकार ने पहले ऐसा आरोप चीन पर लगाया था। उस मामले की जांच के लिए उसने एक आयोग बनाया हुआ है। कनाडा सरकार ने भारत के खिलाफ अपने आक्रामक रुख को और आगे बढ़ाया है। इससे भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि पर नया प्रहार हुआ है। कनाडा ने बीते हफ्ते इस आरोप की जांच शुरू कर दी कि 2021 में वहां हुए आम चुनाव के नतीजों को भारत ने प्रभावित  करने की कोशिश की थी। कनाडा की जस्टिन ट्रुडो सरकार ने इस मामले में एक विशेष जांच आयोग बनाया है। अब इस आयोग ने कनाडा सरकार से चुनावों में भारत के  संभावित हस्तक्षेप के बारे में जानकारी मांगी है।

आयोग का गठन ट्रूडो ने सितंबर 2023 में किया था। गौरतलब है कि उसी महीने ट्रुडो ने भारत पर कनाडा की जमीन पर कनाडाई नागरिक- खालिस्तानी उग्रवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का इल्जाम लगाया था। भारत ने लगातार उस आरोप का खंडन किया है। जहां तक चुनाव में हस्तक्षेप का मुद्दा है, तो पहले ट्रुडो सरकार ने चीन पर इस सिलसिले में आरोप लगाए, जिसका चीन ने लगातार खंडन किया है। लेकिन आयोग जांच को आगे बढ़ा रहा है।

कनाडाई प्रांत क्यूबेक की जज मारी-जोसी होग आयोग की अध्यक्ष हैं। उन्हें जिम्मेदारी दी गई थी कि वे चुनाव में चीन, रूस और अन्य देशों के संभावित हस्तक्षेप की जांच करें। अब इस सूची में भारत का नाम भी शामिल कर दिया गया है। आयोग को अगले तीन मई तक अंतरिम रिपोर्ट और साल के अंत तक अंतिम रिपोर्ट देने को कहा गया है। भारत सरकार ने अभी इस बारे में अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन चूंकि निज्जर मामले में यह सामने आया था कि उस मुद्दे पर अमेरिका और उसके कुछ दूसरे साथी देशों का समर्थन कनाडा के साथ है, इसलिए इस मामले से भी भारत के सामने एक अंतरराष्ट्रीय चुनौती खड़ी होने की आशंका है। दरअसल, निज्जर का मामला तब तक उतना गंभीर मालूम नहीं पड़ता था, जब तक अमेरिका ने एक भारतीय अधिकारी पर उसकी जमीन पर खालिस्तानी उग्रवादी गुरपतवंत सिंह पन्नूं की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप नहीं लगा दिया। इसलिए अंदेशा है कि कनाडा का नया आरोप भी साझा पश्चिमी दबाव में तब्दील हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top