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भीड़ नियंत्रण, सड़क सुधार और यात्री सुविधा को लेकर लिये गए कई महत्वपूर्ण निर्णय देहरादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में कैंचीधाम में यातायात व्यवस्था के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कैंचीधाम के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि कैंचीधाम में सप्ताहांत में लगने वाले जाम को देखते हुए इसके लिए व्यापक योजना तैयार किए जाने की आवश्यकता है। मुख्य सचिव ने कहा कि कैंचीधाम बाजार की मुख्य सड़क का चौड़ीकरण एवं सुधारीकरण कार्य तत्काल शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए मिसिंग लिंक से बजट उपलब्ध कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कैंचीधाम में श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने की सम्भावना को देखते हुए कैंचीधाम के लिए मास्टर प्लान की सख्त आवश्यकता है। उन्होंने इसके लिए प्रस्ताव तैयार किए जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि स्थानीय लोगों के लिए वैकल्पिक मार्गों को सुदृढ़ किया जाए। जिनका चौड़ीकरण सम्भव हो किया जाए। उन्होंने कहा कि नए पार्किंग स्थल चिन्हित करते हुए विकसित किए जाए। धाम के लिए एक व्यवस्थित शटल सेवा शुरू की जाए। साथ ही मोबिलिटी प्लान तैयार किया जाए, ताकि वीकेंड में लगने वाले जाम को कंट्रोल किया जा सके। उन्होंने कहा कि मोबिलिटी प्लान को लागू कराया जाना भी सुनिश्चित किया जाए। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने तकनीक के प्रयोग को बढ़ाए दिए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पार्किंग आदि स्थलों में डिस्प्ले के माध्यम से यात्रियों को जानकारी उपलब्ध करायी जाए। सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से रूट एवं भीड़ प्रबन्धन का कार्य किया जाए। साथ ही विभिन्न मार्गो में वन-वे को प्रयोग किया जा सकता है। इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत, आई.जी. कुमाऊ श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल एवं जिलाधिकारी नैनीताल श्रीमती वंदना सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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रूस से तेल ही नहीं, कोयला और उर्वरक का भी आयात कर रहा भारत – विदेश मंत्री एस.जयशंकर

पश्चिम एशिया भारत के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र – विदेश मंत्री

नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने भारत और रूस संबंधों पर चर्चा की और रूस के बाजार में भारतीय उत्पादों के लिए बेहतर पहुंच की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत, रूस से न केवल तेल बल्कि उर्वरक, कोयला और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का आयात भी बढ़ा रहा है। जयशंकर ने यह बयान दिल्ली में आयोजित ‘भारत एट 100’ कार्यक्रम में दिया, जो एसोचेम की ओर से आयोजित किया गया था।

जयशंकर ने कहा, बीते दो वर्षों में भारत ने रूस से ज्यादा तेल आयात किया है। लेकिन एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह हुआ है कि हम अब रूस से कोयला और उर्वरक जैसे अन्य प्राकृतिक संसाधन भी बड़े पैमाने पर आयात कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रूस, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और ब्राजील जैसे देश भारत के स्वाभाविक साझेदार हैं, क्योंकि ये देश दीर्घकालिक संसाधनों की आपूर्ति कर सकते हैं, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं।

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत रूस के साथ अपने व्यापार को बढ़ावा देने के लिए बहुत मेहनत कर रहा है और भारत फार्मा उद्योग, समुद्री उत्पादों और कृषि उत्पादों के लिए रूस के बाजार में बेहतर पहुंच हासिल करने के लिए दबाव बना रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि रूस के पहले उप प्रधानमंत्री डेनिस मंतुरोव भारत और रूस के आर्थिक संबंधों पर काम कर रहे हैं, जो पिछले महीने दिल्ली आए थे। भारत ने रूस से कहा है कि भारतीय निर्यात के लिए रूस के बाजार को और अधिक खोला जाना चाहिए।

जयशंकर ने भारत के वैश्विक साझेदारों के साथ व्यापार, निवेश और तकनीकी संबंधों को बढ़ावा देने के अवसरों पर भी बात की। उन्होंने यूरोपीय संघ (ईयू) और ब्रिटेन के साथ व्यापार समझौतों पर चल रही बातचीत का भी जिक्र किया और चीन को लेकर कहा कि सभी निर्णयों में संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। इसके अलावा, विदेश मंत्री ने लाल सागर में शिपिंग मार्गों में आ रही रुकावट और भारत द्वारा इस समस्या को हल करने के लिए उठाए गए कदमों पर भी बात की।

उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी चिंता का विषय है और भारत ने इस क्षेत्र में अपनी नौसेना के कई जहाज तैनात किए हैं। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पश्चिम एशिया भारत के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र है, क्योंकि इस क्षेत्र की स्थिरता भारत की आर्थिक नीतियों के लिए जरूरी है। 

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