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मुख्य सचिव ने की हरिद्वार कुंभ की तैयारियों की समीक्षादेहरादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में कुंभ 2027 की तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक आयोजित हुई। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को कुंभ 2027 की तैयारियों के लिए सभी सम्बन्धित विभागों योजना एवं प्रस्ताव तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारी हरिद्वार को सम्बन्धित विभागों के साथ शीघ्र बैठक आयोजित किए जाने की के निर्देश दिए। एक सप्ताह में पद सृजन और नोडल अधिकारी करें नामितः मुख्य सचिव मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि अगले 7 दिनों में सभी कार्यदायी विभागों के नोडल अधिकारी नामित कर लिए जाएं। साथ ही, पदों के सृजन की कार्यवाही भी पूर्ण कर ली जाए। इनसे सम्बन्धित आदेश अगले 7 दिनों में कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि जिन समितियों/ उप समितियों का गठन किया जाना है, अगले 7 दिनों में कर लिया जाए। उन्होंने 30 अप्रैल तक प्रस्ताव एवं आंकलन तैयार कर भारत सरकार को भेजे जाने के भी निर्देश दिए। मुख्य पर्वों के लिए क्राउड मैनेजमेंट और ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान किया जाए तैयार मुख्य सचिव ने कुंभ 2027 के अंतर्गत शाही स्नान वाले विशेष दिवसों पर श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या का आंकलन करते हुए कार्य योजना तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कनेक्टिविटी बढ़ने श्रद्धालुओं के बढ़ने की अत्यधिक सम्भावना है। उन्होंने इसके अनुरूप श्रद्धालुओं संख्या का आंकलन करते हुए पार्किंग एवं ट्रैफिक मूवमेंट योजना तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए विशेषज्ञों द्वारा आंकलन कराए जाने के उपरांत योजनाएं तैयार कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने नए पार्किंग स्थल चिन्हित किए जाने के साथ ही पुराने पार्किंक स्थलों की क्षमता बढ़ाए जाने के भी निर्देश दिए। हरिद्वार क्षेत्र में ऑडिटोरियम और सांस्कृतिक केंद्र बनाए जाने के निर्देश मुख्य सचिव ने कहा कि हरिद्वार कुंभ मेला, कांवड़ यात्रा एवं अन्य धार्मिक आयोजनों के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है, इसके लिए मूलभूत ढांचों को मजबूत किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दीर्घकालीन योजना के अंतर्गत स्थाई प्रकृति के कार्यों को ध्यान में रखा जाए। उन्होंने हरिद्वार क्षेत्र में ऑडिटोरियम और सांस्कृतिक केंद्र बनाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को कुंभ क्षेत्र सहित अन्य उपयोगी स्थानों का स्थलीय निरीक्षण कर कार्य योजनाएं तैयार किए जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कुंभ 2027 के लिए अनिवार्य कार्यों की सूची तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा ऐसे कार्य जिन्हें अनिवार्य रूप से कराया जाना है, उनकी तैयारी पूर्व से ही कर ली जाए। साथ ही, तत्काल शुरू किए जाने वाले कार्यों की सूची भी तैयार कर इनकी डीपीआर एवं आंकलन सहित अन्य तैयारियां पूर्व में ही सुनिश्चित कर ली जाएं, ताकि स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू कराए जा सकें। इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव नीतेश झा, राधिका झा, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, विनय शंकर पाण्डेय, आर. राजेश कुमार, जिलाधिकारी हरिद्वार कर्मेंद्र सिंह, जिलाधिकारी पौड़ी आशीष चौहान, जिलाधिकारी टिहरी सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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कांग्रेस ने सीएम से की प्रमुख मुद्दों के हल की मांग 

सांप्रदायिक सौहार्द,छात्र संघ चुनाव,उपनल कर्मचारियों व अशासकीय महाविद्यालय से जुड़े मुद्दे उठाये

प्रमुख मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री से मिले कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना

मुख्यमंत्री ने दिया सकारात्मक आश्वाशन-धस्माना

देहरादून। उत्तराखंड राज्य की चार ज्वलंत प्रमुख समस्याओं को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर लगातार बिगाड़े जा रहे सांप्रदायिक सौहार्द समेत अन्य मसले उठाये।

धस्माना ने छात्र संघ चुनाव,उपनल कर्मचारियों व अशासकीय महाविद्यालय से जुड़े मुद्दे के हल की मांग की।

धस्माना ने मुख्यमंत्री से कहा कि वे पूरे राज्य के सीएम हैं और राज्य में रहने वाले प्रत्येक नागरिक चाहे वो किसी धर्म जाति का हो उसकी सुरक्षा उनकी जिम्मेदारी है किंतु कुछ महीनों से राज्य के अलग अलग हिस्सों में कुछ शरारती तत्व प्रदेश का सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने में लगे हैं। उत्तरकाशी, चमोली,रुद्रप्रयाग,श्रीनगर, देहरादून के मामलों का जिक्र करते हुए धस्माना ने सीएम से आग्रह किया कि वे राज्य के प्रशाशन व पुलिस को ऐसे तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दें।

धस्माना ने सीएम से राज्य के अशासकीय महाविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव ना करवाए जाने के उच्च शिक्षा विभाग के फैसले पर पुनर्विचार करते हुए तत्काल छात्र संघ चुनाव करवाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि छात्रों में छात्र संघ चुनाव ना करवाए जाने के निर्णय से भरी आक्रोश है और अगर चुनाव नहीं करवाए गए तो छात्रों का आक्रोश आंदोलन का रूप ले लेगा।

प्रदेश उपाध्यक्ष ने राज्य के 22 हजार से अधिक उपनल कर्मचारियों के संबंध में मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के खिलाफ राज्य सरकार अब बजाय रिव्यू पिटिशन दाखिल करने के इन कर्मचारियों के समायोजन के बारे में एक नीति बना कर उनको वरिष्ठता के आधार पर चरणबद्ध तरीके से नियमित करे।

धस्माना ने कहा कि अधिकांश कर्मचारियों को उपनल के माध्यम से राज्य के विभिन्न विभागों में सेवा योगदान देते हुए पांच से बीस वर्ष का समय हो गया है अतः उनको नियमित कर सरकार एक बड़ा जनहित का फैसला ले कर श्रेय ले सकती है।

धस्माना ने राज्य के सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों के साथ बरते जा रहे सौतेले व्यहवार पर मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि वर्ष 2019 से राज्य के समस्त अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में नियुक्ति पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया हुआ है जिसके कारण डीएवी, डीबीएस,एमकेपी,एसजीआरआर,एमपीजी मसूरी जैसे महाविद्यालयों में शिक्षकों के सैकड़ों पद खाली पड़े हैं जिसके कारण शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है और अनेक विभागों के बंद होने की नौबत आ गई है। धस्माना ने इस संबंध में बीस सूत्री मांग पत्र जिसमें विस्तार से अशासकीय महाविद्यालयों के साथ हो रहे भेद भाव पर प्रकाश डाला गया मुख्यमंत्री को सौंपा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धस्माना द्वारा उठाए गए मुद्दों को सुना और आश्वासन दिया कि राज्य में किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने छात्र संघ चुनाव व उपनल कर्मचारियों के मुद्दे पर भी सकारात्मक रुख व्यक्त किया और उच्च शिक्षा के मामलों में सौंपे गए ज्ञापन का परीक्षण करवा कर यथोचित कार्यवाही करने का भरोसा दिया।

प्रमुख मांग-

1- राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द पर सख्ती से कदम उठाने की मांग।
2.छात्र संघ चुनाव संपन्न करवाए राज्य सरकार।
3.उपनल कर्मचारियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन की जगह उनके समायोजन के लिए नीति बनाई जाए ।
4.अशासकीय महाविद्यालयों के साथ सौतेला बर्ताव बंद हो और तत्काल नियुक्तियों पर लगी रोक हटाए सरकार।

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